गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए बड़े प्लेन हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन हो गया। राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।

विमान हादसे की जानकारी

एअर इंडिया की फ्लाइट अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गई, जिसमें विजय रूपाणी सवार थे। इस हादसे में कई लोगों की मौत की खबर है, और राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

परिमल नाथवानी का शोक संदेश

परिमल नाथवानी ने अपने पोस्ट में लिखा, “गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुए दुखद एअर इंडिया विमान हादसे में निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं उन्हें पिछले कई सालों से व्यक्तिगत रूप से जानता था और वे बहुत अच्छे इंसान थे। उनके असामयिक निधन पर मेरे पास शब्द नहीं हैं। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। भगवान द्वारकाधीश उन्हें शांति प्रदान करें। ओम शांति।”

विजय रुपानी: एक साधारण से असाधारण सफर

विजय रुपानी, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री, का जीवन एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे मेहनत और निष्ठा से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। म्यांमार में जन्मे और राजकोट में पले-बढ़े विजय रुपानी ने अपने जीवन की शुरुआत से ही देशसेवा के प्रति समर्पण दिखाया।

विजय रुपानी: एक साधारण से असाधारण सफर

  • विजय रुपानी, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री, का जीवन एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे मेहनत और निष्ठा से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। म्यांमार में जन्मे और राजकोट में पले-बढ़े विजय रुपानी ने अपने जीवन की शुरुआत से ही देशसेवा के प्रति समर्पण दिखाया।आरएसएस और एबीवीपी से जुड़ाव

    विजय रुपानी ने 1971 में, महज 15 साल की उम्र में, आरएसएस और जनसंघ से जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। कॉलेज के दिनों में वे एबीवीपी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े और छात्रों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    आपातकाल और जेल की सजा

    1975 के आपातकाल के दौरान, विजय रुपानी ने इंदिरा गांधी के खिलाफ आवाज उठाई और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन इस कठिनाई ने उनके संकल्प को और मजबूत किया।

  • राजनीतिक करियर की शुरुआत1987 में, विजय रुपानी ने राजकोट नगर निगम में कॉरपोरेटर के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उनकी मेहनत और संगठन कौशल ने उन्हें 1996 में राजकोट का मेयर बनने में मदद की।

     

    गुजरात के मुख्यमंत्री

    विजय रुपानी का राजनीतिक करियर लगातार आगे बढ़ता गया। वे गुजरात टूरिज्म के चेयरमैन, राज्यसभा सांसद और फिर 2014 में राजकोट वेस्ट से विधायक बने। 2016 में, उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।

  • सादगी और निष्ठाविजय रुपानी की सादगी और निष्ठा ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाया। उनकी कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम और समर्पण के महत्व को समझते हैं