जम्मू 25 जून। जम्मू के बख्शी नगर में पुलिस ने लूट के एक आरोपित पर सार्वजनिक कार्रवाई की गई है। तीमारदार से 40,000 रुपये की लूट के आरोप में गिरफ्तार आरोपित को पुलिस ने अर्द्धनग्न कर गले में जूतों की माला डाल व वाहन के बोनट पर बिठाते हुए महेशपुरा से थाना तक करीब आधा किलोमीटर परेड करवाई। आरोपित की पहचान इशफाक अहमद निवासी श्रीनगर के रूप में हुई है। उस पर 6 जून को उधमपुर के मरोटी तहसील चनैनी निवासी सुरिंदर सिंह से लूट का आरोप है। सुरिंदर उस समय अपने बीमार पिता का इलाज कराने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसी) जम्मू आया हुआ था। कल दोपहर जब सुरिंदर सिंह दोबारा पिता के इलाज के लिए बोन एंड जाइंट अस्पताल बख्शी नगर पहुंचा तो उसकी नजर इशफाक पर पड़ी। सुरिंदर ने तुरंत उसे पहचान लिया और पकडऩे की कोशिश की। खुद को बचाने के लिए इशफाक ने ब्लेड से सुरिंदर पर वार कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। शोर सुनकर मौके पर मौजूद लोगों ने इशफाक को दबोच लिया और पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी बख्शी नगर आजाद मन्हास टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बताया गया कि इशफाक नशे की हालत में था और पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी भी कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को अर्द्धनग्न कर उसके गले में जूतों की माला पहनाई और उसे वाहन की बोनट पर बैठाकर सार्वजनिक रूप से घुमाया।
इस पूरी घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस विभाग बैकफुट पर नजर आ रहा है। कई लोगों ने पुलिस की इस कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए इसे गैरकानूनी और अमानवीय बताया है। हालांकि, स्थानीय नागरिकों का एक वर्ग पुलिस की इस कार्रवाई का समर्थन कर रहा है। उनका कहना है कि ऐसे अपराधियों को कड़ा सबक मिलना चाहिए, जो अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर लोगों को निशाना बनाते हैं। वहीं, संपर्क करने पर पुलिस अधिकारियों ने मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
जूतों की माला पहनाकर लूट के आरोपित की परेड निकालने के मामले में एसएसपी जम्मू ने जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इंटरनेट मीडिया पर मंगलवार को एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसमें एक युवक को अर्धनग्न अवस्था में जूतों की माला पहनाकर पुलिस वाहन की बोनट पर बैठाकर बख्शी नगर थाने की पुलिस द्वारा घुमाते हुए देखा गया। वीडियो में दिखाया गया कि आरोपित के साथ सार्वजनिक रूप से जिस तरह का बर्ताव किया गया, वह न केवल अशोभनीय है, बल्कि एक अनुशासित बल होने के नाते यह आचरण अनुचित है। मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं। वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए एसडीपीओ सिटी नार्थ जम्मू को प्रारंभिक जांच सौंपी है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार का आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।