
एडीजे कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद दी सजा
कोरबा । दमिया जंगल में रंगनाथ श्याम निवासी मेलनाडीह की हत्या का सच जब सामने आया तो लोग चौक उठे। पाली पुलिस, साइबर सेल और स्नेफर डॉग बाघा की कोशिश से मृतक की पत्नी सहित 5 लोगों की भूमिका इस मामले में उजागर हुई। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद एडीजे मधु तिवारी की कोर्ट ने आरोपियों को धारा 302 में 7 साल और 120 बी 34 में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया।वर्ष 2019 में 28 फरवरी को यह घटना हुई थी। खूंटाघाट में चौकीदारी करने वाले 40 वर्षीय रंगनाथ श्याम की हत्या करने के साथ उसका शव दमिया नर्सरी के पास फेंक दिया गया था। सुबह आसपास के लोगों की नजर यहां पड़ी तो वे चौक गए। उन्होंने पुलिस को इस बारे में सूचित किया। मामला ब्लाइंड मर्डर का था इसलिए कई स्तर पर जांच की गई। मौके पर कोई खास क्लू नहीं मिला, जिस पर पुलिस ने बघा की मदद ली। यह कोशिश कारगर रही। इसके जरिए पुलिस ने जांच की दिशा तय की और आखिरकार यह पता करने में सफल रही कि रंगनाथ श्याम की हत्या के पीछे कौन लोग शामिल रहे। पुलिसने इस सिलसिले में रंगनाथ श्याम की पत्नी रामकुमारी के साथ-साथ शिवशंकर यादव पिता रामसुंदर यादव 40 वर्ष, रविकरण बाल्मिकी पिता भोले बाल्मिकी 21 वर्ष, सुनील सक्टेल पिता बेटालाल सक्टेल 20 वर्ष, बिन्नी उर्फ विनिता मानिकपुरी पिता नरोत्तम दास मानिकपुरी 24 वर्ष को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि मृतक की पत्नी का अफेयर शिवशंकर यादव से चल रहा था।रास्ते में बाधा बनने पर महिला ने अपने ही पति को निपटाने की योजना बनाई और 1 लाख 90 हजार में सौदा डील किया। योजना के तहत सहयोगियों ने गनाथ की हत्या कर दी और शव यहां डाल दिया। पुलिस को भ्रमित करने के लिए कई तरीके अपनाए गए। तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बेहतर विवेचना करते हुए मामले को कोर्ट में प्रस्तुत किया। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जो साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस आधार पर एडीजे ने मृतक की पत्नी सहित 5 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट में निर्णय के बाद इन्हें जेल भेज दिया गया।