वाशिंगटन। ईरानी परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले के बाद तेहरान ने भी पलटवार कर दिया है। इससे अमेरिकी सैन्य बेसों पर बेचैनी बढ़ गई है। जार्जिया के फोर्ट बेनिंग में इस सप्ताहांत एकत्रित कुछ परिवारों के लिए यह बेचैनी भरा दिन रहा। सेना का प्रशिक्षण पूरा करने वाले कुछ सैन्य सदस्यों और उनके प्रियजनों ने भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की। न्यूयार्क की 24 वर्षीय मिशेल बिक्सबी ने कहा कि लोगों की जान जा सकती है, इसलिए मैं चिंतित हूं। उनके भाई ने हाल ही में प्रशिक्षण पूरा किया है।हालांकि, उन्होंने कहा कि यह वही है जो वह करना चाहता था। दरअसल, ट्रंप प्रशासन की ओर से ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर हवाई हमला करने की घोषणा के एक दिन बाद अमेरिकी धरती पर सैन्य ठिकानों के आसपास के लोगों में दृढ़ समर्थन से लेकर असहमति तक देखने को मिली। हालांकि, सभी लोगों में एक भावना जो दिखी वह यह कि हर जगह अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए चिंता देखी गई।रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने रविवार को जोर देकर कहा कि प्रशासन एक खुली युद्ध की इच्छा नहीं रखता, लेकिन ईरानी नेताओं ने प्रतिशोध की कसम खाई है। यह वास्तविकता और सैन्य बल पर पडऩे वाले संभावित प्रभाव की बात सैन्य अड्डों के आसपास के कई लोगों के दिमाग में थी। हालांकि, सैन्य सदस्यों ने इस वास्तविकता को नौकरी का हिस्सा मानकर स्वीकार कर लिया है। कई परिवार यह समझ रहे हैं कि यह एक वास्तविक खतरा है। सेना के परिवार से जुड़ी मेघन गिल्स ने कहा कि यह कुछ है जिसके बारे में हमें चिंतित रहना चाहिए। फ्लोरिडा के एग्लिन एयर फोर्स बेस पर 23 वर्षीय आर्मी नेशनल गार्ड के कांबैट मेडिक ब्लेक कार्लसन ने कहा कि उन्हें तैनात किया जा सकता है। यह वही है, जिसके लिए मैंने साइन अप किया था। अगर मुझे करना पड़े, तो मैं करूंगा। लेकिन उनकी मां और भाई ने आशा व्यक्त की कि देश पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष में नहीं फंसेगा।कुछ लोगों ने ट्रंप का समर्थन किया और उनके इस दावे से सहमत हुए कि लक्षित बमबारी व्यापक संघर्ष की संभावना नहीं है। कार्लसन की मां, टोन्या कार्लसन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह हमला ईरान को अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए मजबूर करेगा।अन्य लोगों ने ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया कि ईरान एक तात्कालिक खतरा है। पूर्व कांबैट इंजीनियर 72 वर्षीय टोनी सालुज्जो ने कहा कि एक ऐसा ङ्क्षबदु जो हाल की राष्ट्रीय सुरक्षा आकलनों के विपरीत है। ईरान को निश्चित रूप से परमाणु हथियारों की आवश्यकता नहीं है। एग्लिन बेस पर एयर फोर्स आर्मामेंट म्यूजियम का दौरा करने वाले फ्लोरिडा के जेम्स आर्थर ने कहा कि ईरान पर हवाई हमले लगभग दो दशकों की देरी से हुए हैं। अन्य भूतपूर्व सैन्यकर्मियों ने कांग्रेस की मंजूरी के बिना ईरान पर बमबारी करने के लिए ट्रंप की आलोचना की।
इराक और अफगानिस्तान में सेवा देने वाले नौसेना के अनुभवी पाल ओयलर ने कहा कि संविधान के निर्माताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए यह भाषा शामिल की थी कि युद्ध में जल्दबाजी में प्रवेश नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र में कोई आसन्न खतरा होता तो वह हवाई हमलों से सहमत होते, लेकिन कोई कारण नहीं है यह मानने का कि ईरान वास्तव में परमाणु हथियारों का मालिक था। सैन्य रखरखाव अनुबंधों पर काम करने वाले 30 वर्षीय डेनवर थियरी ने कहा कि वह ट्रंप के समर्थन में रहेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह जानना मुश्किल है कि ईरान के पास वास्तव में क्या क्षमताएं हैं। मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है। मुझे नहीं पता कि क्या उनके पास वास्तव में परमाणु वारहेड हैं या नहीं।
रिजर्व सैनिक गिल्स देश को युद्ध की ओर ले जाने के निर्णय से परेशान थीं, ठीक उसी समय जब सरकार सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए धन में कटौती कर रही है। उनके पिता एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं और पति वर्तमान में सैनिक हैं।हालांकि उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान संघर्ष बढ़ता है, तो वे ट्रंप के बारे में अपनी असहमतियों को एक तरफ रख देंगे और एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। लेकिन एक पूर्व सैनिक ने इस बात पर अफसोस जताया। ओयलर ने कहा कि मैंने अपने समय से सीखा कि युद्ध विनाशकारी होता है।