
जुलाना, २४ जून ।
खंड जुलाना के गांव देवरड़ में शनिवार को तालाब में खोदाई कर रहे मनरेगा मजदूरों को कंकाल और प्राचीन काल के मटके मिले। कंकालों को देखकर मजदूर डर गए और काम रोक दिया गया। शनिवार को देवरड़ में मनरेगा के तहत तालाब की खोदाई का कार्य चल रहा था। मजदूरों को खोदाई के दौरान कुछ मटके दिखाई दिए। जब और गहराई में खोदा गया, तो वहां मानव कंकाल मिले।तालाब में अब तक लगभग 10 से 12 कंकाल मिल चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार तालाब में मिले कंकालों की लंबाई सामान्य से ज्यादा है। मानव जबड़े भी काफी बड़े हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंकाल की लंबाई सात से आठ फीट है। उनकी हालत को देखकर लगता है कि ये 200 साल से भी ज्यादा पहले के हो सकते हैं। सूचना मिलने के बाद गांव पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने बताया कि यहां कब्रिस्तान होता था, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों के शव दफनाए जाते थे, जिनके खोदाई में कंकाल मिले हैं। ऐसे में यहां पर और भी कंकाल मिल सकते हैं।-रविंद्र धनखड़, थाना प्रभारी, जुलाना। ग्रामीण राममेहर ने बताया कि आजादी से पहले गांव में मुसलमान रहते थे। पहले इस तालाब की जगह कब्रिस्तान होता था।
तालाब में मिल रहे कंकाल कब्रिस्तान में दफनाए गए मुस्लिम समुदाय के लोगों के हो सकते हैं। बुजुर्गों के अनुसार आजादी के बाद भी इस जगह लोग आने से कतराते थे। समय बीतता गया और यहां पर तालाब बन गया। तालाब में खोदाई के दौरान कंकाल मिलने के बाद काम रोक दिया है। मौके पर जाकर जांच करने के बाद ही काम दोबारा शुरू किया जाएगा।-प्रतीक जांगड़ा, बीडीपीओ। गांव की सरपंच सुनील कुमारी ने बताया कि कई दिन पहले भी तालाब में खोदाई के दौरान हड्डियों के टुकड़े मिले थे। शनिवार को करीब सात फीट गहरी खोदाई की तो हड्डियां व पुराने मटके मिले। प्रशासन को इस बारे में सूचना दे गई है। फिलहाल खोदाई का काम रोका गया है। बीडीपीओ सोमवार को मौके पर आएंगे। तालाब की खोदाई का काम दो माह से चला हुआ है। प्रतिदिन 50 से 60 मजदूर खोदाई कर रहे हैं। तालाब में कुछ मिला है, तो मौके पर जाकर उसकी जांच की जाएगी।