
15 जून से सभी क्षेत्रों में खनन व परिवहन पर रोक
कोरबा। नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने नदी-नालों के संरक्षण तथा कटाव के मद्देनजर 15 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए सभी क्षेत्रों में रेत खनन व परिवहन पर रोक लगा दी है। ऐसे मामलों को लेकर अभी विभिन्न क्षेत्रों में टॉस्क फोर्स कार्रवाई कर रही है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में रेत ढोते ट्रैक्टर नजर आ रहे हैं। यह काम खनन के बाद ही संभव हो रहा है। करतला ब्लॉक के लीमडीह और अन्य इलाकों में ऐसी तस्वीरें आम है।
बताया गया कि इस इलाके के नदी-नालों से रेत निकाली जा रही है और इसे सही जगह तक पहुंचाया जा रहा है। इस मामले में आसपास के लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। उनका कहना है कि जिसे जरूरी है वह काम कर रहा है। बीच में बोलने वाले हम कौन होते हैं। बताया गया कि लीमडीह सरपंच सुधा कंवर के द्वारा ऐसे ही एक मामले में पांच लोगों को रेत परिवहन की अनुमति अपने लेटरहेड पर दी गई है। इनमें संतोषानंद पटेल, आंगन प्रसाद, रामकुमार पटेल, जीवन पटेल और बनवारी लाल के नाम शामिल हैं। कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए इन गाडिय़ों से रेत परिवहन किया जा रहा है। पंचायत ने तीन वाहनों के नंबर जारी किए हैं जिनमें एक कोरबा, एक रायगढ़ और एक बिलासपुर पासिंग हैं जबकि दो के नंबर नहीं हैं। सरपंच ने पत्र में यह भी कहा है कि पंचायत लीमडीह से रेत परिचालन बाहर किए जाने और पकड़े जाने पर उचित कार्रवाई भी की जाएगी। पंचायत ने जिलाधीश, खनिज अधिकारी और थाना प्रभारी उरगा को पत्र की कापी दी है। इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि रेत की कमी से यहां स्वीकृत पीएम आवास की छत ढलाई से लेकर दीवार और अंदर का प्लास्टर रूका हुआ है और इन कारणों से सरकार द्वारा दी जाने वाली किस्त अटकी हुई है। इसलिए रेत हमारी जरूरत भी है और मजबूरी भी।
इस मामले को लेकर जिला खनिज अधिकारी प्रमोद नायक ने बताया कि रेत खनन को प्रतिबंधित किया गया है। सभी क्षेत्रों के लिए यह लागू है। यह बात अलग है कि लीमडीह के सरपंच ने मजबूरी बताकर हमारे पास एक पत्र जरूर दिया है।