
कोरिया बैकुंठपुर। कलेक्ट्रेट परिसर में कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के द्वारा धरती आबा जनजातिय उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विश्व सिकल सेल दिवस पर , जन जागरूकता हेतु प्रचार – प्रसार रथ ,धरती आबा जनजातिय उत्कर्ष अभियान जनजातिय क्षेत्रों के लिए एक व्यापक विकास मिशन राष्ट्र व्यापी जागरूकता और लाभ संस्तृप्ति अभियान 15 जून 2025 से 30 जून 2025 तक चलाया जा रहा है ताकि विशेष ट्राइबल एरिया में सारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया जा सके और जो लक्ष्य है कि प्रति व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित व लाभ प्राप्त कर सके। 16 जून 2025 से 31 जुलाई 2025 तक चलाया जाना है का भी प्रचार प्रसार हेतु प्रचार रथ को कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
जिले में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में होने वाले संक्रमण से बचाव हेतु एवं समीप के स्वास्थ्य केंद्रों से ओआरएस पैकेट, जिंक टेबलेट प्राप्त कर सुरक्षित रखने एवं खतरे से बचने और डायरिया से होने वाले मृत्यु को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए काम किया जाएगा।? स्वच्छता, हाथों को धोने के तरीके, कब हाथ धोना है, क्या करना है सारी जानकारी जन जागरूकता के तहत जानकारी मिलेगा। क्षेत्रीय मितानिन, आर एच ओ मेल – फीमेल , स्वास्थ्य अमले, अन्य संबंधित विभाग जैसे महिला बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताऐं, सदस्य , स्कूल टीचर, बच्चे इत्यादि को प्रचार प्रसार के माध्यम से डायरिया प्रबंधन के बारे में अवगत कराना। स्टाफ डायरिया कैंप डेढ़ माह का अभियान है जिसमें सभी 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए दो ओआरएस पैकेट और 14 जिंक की गोलियों का वितरण करना है। विश्व सिकल सेल दिवस पर आज 19 जून 2025 को जन जागरूकता प्रचार-प्रसार हेतु कलेक्टर श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी के द्वारा रथ को हरी झंड़ी दिखाया गया। जिले में सिकल सेल कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक लोगों का जांच – स्क्रीनिंग किया जाना चाहिए। सिकल सेल जांच करने हेतु लोगों को जागरूक करना है, सभी 0 से 40 वर्ष तक के लोगों का सिकल सेल जांच करना अनिवार्य है, योजना बनाकर शत् -प्रतिशत उपलब्धि पूर्ण करने हेतु निर्देश दिए गए । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रशांत सिंह के द्वारा जानकारी दी गई कि सिकल सेल एक अनुवांशिक रोग है। मनुष्य शरीर के खून में लाल रक्ताणु (हीमोग्लोबिन) जो गोल होता है ये लाल रक्ताणु पूरे शरीर में ऑक्सीजन संचारित करती है। परंतु जो व्यक्ति सिकल सेल से पीडि़त होता है उसका लाल रक्ताणु (हीमोग्लोबिन) गोल के बजाय हंसिये के आकार का होता है जिससे व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति ठीक से नहीं हो पाता है वह व्यक्ति सिकल सेल से पीडि़त होता है। लोगों को जानकारी के साथ-साथ बचाव के तरीके भी बताया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर सहायक आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग? श्रीमती उषा लकड़ा, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ आयुष जायसवाल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक अशरफ अंसारी, मण्डल परियोजना अधिकारी एवं समस्त अधिकारी – कर्मचारी शामिल थे।