जांजगीर-चांपा। राज्य शासन के निर्देशानुसार किए गए युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग की लापरवाही शिक्षकों के अलावा प्रशासन को भी परेशानी बढ़ा दी है। दरअसल युक्तियुक्तकरण में विसंगति को लेकर माननीय उच्च न्यायालय ने भी प्रशासन को प्रकरणों के निराकरण करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही कलेक्टोरेट में शिक्षकों की भीड़ पहुंचने लगी है। हर रोज शिक्षक अपनी शिकायत लेकर पहुंच रहे है और निराकरण में पूरा समय खप रहा है।
गौरतलब है कि स्कूलों के समायोजन के साथ शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर जिले का शिक्षा विभाग शुरू से सुर्खियों में रहा है। अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी करने में लापरवाही के साथ अपने पराऐ के भेद की शिकायतें शुरूआती दिनों से ही मिलती रही, लेकिन लेकिन जिम्मेदार प्रशासनिक अमले ने भी इसको ध्यान नहीं दया। दूसरी ओर उच्चाधिकारियों से मिले आदेश के परिपालन में समय सीमा में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी कराने के चक्कर में विसंगति को भी जान बूझकर अनदेखा करने का आरोप लगे। इधर प्रक्रिया पूर्ण होते ही शिक्षक संगठनों ने जहां प्रशासन के समक्ष अपनी शिकायतें रखी, चाहीं दूसरी ओर इस प्रक्रिया में विसंगति और नियमों की अनदेखी को लेकर कईयों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
इस दौरान उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश भी कई शिक्षकों को मिला। वहीं प्रशासन को समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश भी मिले है। इसके साथ ही शिक्षकों की भीड़ कलेक्टोरेट में पहुंचने लगी है। बताया जाता युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में सीनियर की जगह जूनियर को अतिशेष बनाने, कला संकाय में कलाकारी, दर्ज संख्या में गड़बड़ी सहित अनेक तरह की तकरीबन 2 सौ से अधिक शिकायतें मिली है। ऐसी स्थिति में शिकवा शिकायतों के निराकरण के साथ न्यायालयीन प्रकरणों में जवाब देने और उसके सुधार को लेकर प्रशासनिक अफसर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ पूरे दिन माथापच्ची कर रहे है। कलेक्टोरेट में डिप्टी कलेक्टरों का एक कक्ष इन दिनोत्हीं सब कार्यों के लिए रिजर्व सा हो गया है। बहरहाल कारण चाहे जो भी लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते जहां प्रशासनिक अफसरों का काम बढ़ गया है तो वहीं इनके चक्कर में शिक्षक पूरे दिन परेशान हो रहे है।
आंख मूंदकर जारी की थी अतिशेष सूची
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी करने में शिक्षा विभाग के अफसरों ने जो गलतियां और मनमानी की वह तो की ही है. ऊपर से जिम्मेवार प्रशासनिक अमले ने भी एक तरह से आंख मूंदकर काम किया है। ऐसे में प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ ही जहां थोक में 2 सौ से अधिक शिकायतें मिली है. तो वहीं बहुतों ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है, जहां से स्थगन आदेश मिलने और प्रकरण के निराकरण को लेकर वे कलेक्टोरेट पहुंच रहे है। बताया जाता है कि कई मामलों में जिम्मेवार अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है। सर्वाधिक शिकायतें बलौदा ब्लाक से है। बावजूद इसके प्रशासन की चुप्पी और शिक्षा विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों को संरक्षण समझ से परे है।
ले रहे हैं अभ्यावेदन
जितनी भी शिकायते है, उनके आवेदन लिए नए है। माननीय न्यायालय के आदेशानुसार अभ्यावेदन भी ले रहे है। जिला स्तरीय कमेटी द्वारा निर्धारित समय सीमा में सभी का निराकरण किया
एडीशनल कलेक्टर,
ज्ञानेन्द ठाकुर,
जांजगीर चांपा