
बलरामपुर। रामानुजगंज बीती रात नर हाथी के चपेट में आने से ग्राम चाकी की एक महिला की मौत हो गई वहीं घर को तोड़ते हुए हाथी ने चपेट में आए ग्रामीण के दोनों पैर टूट गए। घटना से क्षेत्र में दहशत है। वन विभाग के द्वारा मृतिका को पोस्टमार्टम करने के लिए 100 बिस्तर अस्पताल लाया गया।वही घायल का प्राथमिक इलाज 100 बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज कर बलरामपुर के लिए रेफर कर दिया गया घटना की सूचना जिला पंचायत के सभापति बद्री यादव एवं समाजसेवी संतोष यादव मौके पर पहुंचे। संतोष यादव ने वन विभाग के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मौत के सिलसिला को रोकना सुनिश्चित करने की मांग वन विभाग से की। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात्रि 2 के करीब ग्राम चाकी जंगल किनारे रहने वाले मुन्ना राम एवं उसकी पत्नी राधिका भूईया उम्र 36 वर्ष बाथरूम के लिए उठे थे। इसी दौरान अचानक से आए हाथी ने राधिका को शुड से लपेटकर पटक दिया वहीं मुन्ना राम अपने 18 वर्ष की बेटी के साथ भाग कर जान बचाई इसके बाद हाथी आगे बढ़ते हुए टीभाली सिंह पिता फेकन सिंह उम्र 52 वर्ष का घर तोड़ते हुए हाथी के चपेट में आ गया एवं उसके दोनों पैर टूट गए। वन विभाग के द्वारा मृतिका को 100 बिस्तर अस्पताल लाया गया। यहां शव का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया गया। घायल ग्रामीण का इलाज बलरामपुर जिला चिकित्सालय में चल रहा है। जिला पंचायत के सभापति बद्री यादव शव बिस्तर अस्पताल पहुंचे वहीं घायल को देखने जिला चिकित्सालय भी गए। मौके पर पहुंचे समाजसेवी संतोष यादव ने कहा कि 8 अप्रैल को भी हाथी के चपेट में आने से ग्रामीण की मौत हुई थी परंतु इसके बाद वन विभाग के द्वारा मौत के सिलसिला को रोकने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई नहीं कोई ठोस कार्य योजना बनाई गई जिसके कारण से यह लगातार हो रहा है श्री यादव ने कहा कि मौत का सिलसिला रुक सके इसके लिए वन विभाग को ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। वन विभाग के द्वारा मृतिका के स्वजनों को ?25000 की तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई। रेंजर निखिल सक्सेना ने कहा कि नर हाथी वाड्रफनगर से गढग़ोरडी फिर बगरा होते हुए चाकी आया था चाकी में घटना करने के बाद नर हाथी छतवा शिवपुर में है।