
कोरबा: स्कूलों के युक्तियुक्तकरण आदेश शासन स्तर से जारी होने के बाद शनिवार 31 मई से काउंसलिंग शुरू कर दी गई है. प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी स्टेडियम स्थित राजीव इंडोर ऑडिटोरियम में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों को नए स्थान पर पदस्थापना देने के लिए काउंसलिंग की. इस दौरान रिक्त स्थान वाले स्कूलों के संबंध में नियमों की अवहेलना और पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने काउंसलिंग का विरोध किया, संगठनों ने बहिष्कार की बात भी कही. बड़ी तादात में शिक्षक काउंसलिंग से दूर भी रहे. विरोध प्रदर्शन और हंगामे के बीच काउंसलिंग शुरू: जहां पद रिक्त हैं, ऐसे सभी स्कूलों की जानकारी छिपाने और सार्वजनिक न किए जाने से शिक्षकों में रोष है. तो ऐसे भी शिक्षक थे जिन्होंने काउंसलिंग में हिस्सा लिया और रिक्त स्थानों में से अपने मनपसंद स्थान का चयन किया. हालांकि शिक्षक, काउंसलिंग स्थल के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. बड़ी तादाद में शिक्षक काउंसलिंग की प्रक्रिया से दूर रहे. दूसरी तरफ जिला स्तरीय युक्तिकरण समिति के अध्यक्ष कलेक्टर अजीत वसंत ने साफ कर दिया है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शासन स्तर से जारी दिशा निर्देशों के तहत की जा रही है. जो शिक्षक, काउंसलिंग की प्रक्रिया से अनुपस्थित रहेंगे उन्हें अंत में बचे हुए स्थान पर पदस्थ कर दिया जाएगा. युक्तियुक्तिकरण की पूरी प्रक्रिया से शिक्षक संगठनों में असंतोष है.
शिक्षक संगठनों में असंतोष: काउंसलिंग में शामिल होने पहुंचे सहायक शिक्षक आरती केशरवानी का कहना है कि ”कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी से हमारी बात हुई है. उन्होंने कहा है कि हम शासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और जिले के बॉर्डर पर जो स्कूल हैं वहां से पदस्थापना देना शुरू कर रहे हैं. जबकि ऐसा कोई आदेश शासन का नहीं है. जिस स्कूल के रिक्त पद दिखाए जा रहे हैं. उसी स्कूल के आसपास 5 से 10 किलोमीटर वाले स्कूल में और भी पद रिक्त हैं. जानबूझकर छुपाया जा रहा है. प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है. ऐसे 100 से ज्यादा स्कूलों के पदों को छुपाया गया है. ऐसा नहीं है कि हम दूर दराज के स्कूल में जाना नहीं चाहते और अपने घर के पास नौकरी करना चाहते हैं. लेकिन पदों को तो प्रदर्शित किया जाए. इसलिए हम काउंसलिंग में नहीं जा रहे हैं. हमने इसका बहिष्कार किया है. अंदर केवल 10 फ़ीसदी शिक्षक ही गए हैं. जबकि 250 के करीब शिक्षक बाहर हैं. अधिकारियों द्वारा दबाव बनाकर काउंसलिंग कराया जा रहा है. जबकि काउंसलिंग नहीं हो रही है”. ”शासन का तानाशाही रवैया, नहीं आ पाएगी गुणवत्ता”: सहायक शिक्षक अजय जायसवाल कहते हैं कि ”यह युक्तिकरण की पूरी प्रक्रिया बेहद त्रुटिपूर्ण है. पहले तो 2008 के सेटअप का पालन नहीं किया जा रहा है. अतिशेष शिक्षक अपनी पदस्थापना लेने के लिए जब काउंसलिंग में जा रहे हैं, तो उन्हें दूर दराज के रिक्त स्थान दिखाये जा रहे हैं. जबकि कई पदों को छुपाया जा रहा है. यह आपत्तिजनक है, शासन का यह तानाशाही रवैया है. 2008 में प्राथमिक स्कूल में एक प्रधान पाठक और दो शिक्षक हुआ करते थे. अब उसे एक प्रधान पाठक और एक शिक्षक कर दिया गया है. इससे गुणवत्ता कहां से आएगी. आज सिर्फ 10 फीसदी शिक्षक काउंसलिंग में हिस्सा ले रहे हैं. उनसे हमें आपत्ति नहीं है. ज्यादातर शिक्षक बाहर हैं जिन्होंने काउंसलिंग का विरोध किया है”. ”काउंसलिंग का विरोध नहीं, लेकिन हमें दिया जाए समय”: शिक्षक संगठन के प्रदेश मंत्री प्रमोद राजपूत काउंसलिंग स्थल पर पहुंचे थे. जिन्हें एसडीएम सरोज महिलांगे बाहर लेकर गए और कहा कि शिक्षकों से समन्वय बनाएं. प्रमोद का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया विसंगति पूर्ण है. सारे स्कूल जहां पद खाली हैं उन्हें प्रदर्शित किया जाए, ताकि हमारे शिक्षक साथी चयन कर सकें कि उन्हें कहां पदस्थापना लेनी है. कई शिक्षक म्यूचुअल ट्रांसफर चाहते हैं, कई पति-पत्नी के आधार पर पात्र हो सकते हैं. लेकिन समय नहीं मिल रहा है. पूरी प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है. जिसके लिए हमने रायपुर में धरना दिया था और आने वाले दिनों में भी हम हड़ताल की रणनीति तैयार करेंगे छत्तीसगढ़ में जितने भी शिक्षक संगठन हैं, जो साझा संगठन बना है. वह इस पूरी प्रक्रिया का विरोध कर रहा है”. अनुपस्थित रहे, तो जो स्थान शेष बचेंगे वहां होगा पदस्थापना: इस संबंध में जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि ”आज प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. शुरुआत में कुछ शिक्षक संगठनों को कुछ कंफ्यूजन था. जिन्हें मेरे द्वारा दूर कर दिया गया है. फिलहाल प्रधान पाठक पद की काउंसलिंग पूरी कर ली गई है. पदों को छुपाए जाने के प्रश्न पर कलेक्टर ने कहा कि हमें शासन से निर्देश हैं कि जितनी संख्या अतिशेष शिक्षकों की है. उतनी ही संख्या में रिक्त पदों की जानकारी दी जाए. इसलिए सभी पदों को प्रदर्शित नहीं किया जा सका है. हमारे जिले में एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या अतिशेष हुए शिक्षकों की संख्या से कहीं ज्यादा है. जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग सभी शिक्षकों से काउंसलिंग में उपस्थित रहने का निवेदन भी कर रहा है. यह पूरी प्रक्रिया शासन के निर्देश पर छात्रहित और शिक्षा विभाग के हित में है. इसके बाद भी जो शिक्षक काउंसलिंग में अनुपस्थित रहते हैं, तब ऐसी स्थिति में उन्हें, उन स्थानों पर पदस्थ किया जाएगा. जो स्थान अंत में रिक्त बच जाएंगे.