
लखनऊ 01 जून। यूपी एटीएस ने वाराणसी से गिरफ्तार किए गए तुफैल के खिलाफ बड़ा खुलासा किया है। अफसरों का कहना है कि पूछताछ के दौरान तुफैल ने स्वीकार किया कि वह ‘उम्मीद-ए-शहर’ नाम से वॉट्सएप ग्रुप बनाकर वाराणसी, आजमगढ़, कानपुर, कन्नौज, रामपुर, मुरादाबाद और बरेली जैसे कई शहरों के नौजवानों को जोड़ रहा था। इस ग्रुप में एक पाकिस्तानी हैंडलर भी शामिल था, जो भारत में साजिश रच रहा था। पूछताछ में तुफैल ने बताया कि ‘उम्मीद-ए-शहर’ के आठ वॉट्सएप ग्रुप बनाए गए थे, जिनमें भारतीय मोबाइल नंबर से जुड़े आईएसआई के हैंडलर भी सक्रिय थे।
यह नेटवर्क आईएसआई एजेंटों द्वारा संचालित था। तुफैल का यह भी दावा है कि उसने पाकिस्तान की नफीसा नामक महिला से संपर्क किया था, जो आईएसआई के लिए काम करती थी। इसी नफीसा के माध्यम से तुफैल को पहला भारतीय सिम कार्ड मिला, जो फर्जी नाम और पते पर एक्टिवेट कराया गया था। यह सिम कार्ड नफीसा के मोबाइल पर एक्टिव था। नफीसा ने तुफैल को फर्जी भारतीय सिम खरीदने में मदद की थी।