श्रीनगर। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिला कुपवाड़ा के टंगडार सेक्टर में एलओसी के पार लीपा घाटी (गुलाम जम्मू-कश्मीर) में की गई भारतीय सेना की कड़ी जवाबी कार्रवाई को दुश्मन पूरी उम्र याद रखेगा। सेना की चिनार कोर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब एलओसी पर दोनों तरफ से भारी गोलाबारी जारी थी, तो लीपा घाटी में तैनात पाकिस्तानी सेना की 75वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड का कमांडर मोर्चा छोडक़र जान बचाने में लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि हमने गोलाबारी के दौरान दुश्मन के जो रेडियो संदेश व अन्य संपर्क इंटरसेप्ट किए हैं, उनके आधार पर हमें पता चला कि पाकिस्तानी सेना का कमांडर एक मस्जिद में छिपा हुआ था और वह अपने सैनिकों को जान बचाने के लिए निर्देश दे रहा था। इंटरसेप्ट हुए एक संदेश में पाकिस्तानी कमांडर ने अपने सैनिकों से कहा, पहले जान बचाओ, चौकियां बाद में भी तैयार हो जाएंगी। भारतीय सेना की चिनार कोर के अधिकारियों ने मंलगवार को टंगडार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि एलओसी के पार लीपा घाटी में पाकिस्तानी सेना के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
हमने अन्य लक्ष्यों के अलावा उसकी कम से कम तीन चौकियां, एक आयुध डिपो, एक ईंधन भंडारण सुविधा और तोपखाना पूरी तरह नष्ट कर दिया है।पाकिस्तानी सेना को अपने नष्ट ढांचे को तैयार करने में कम से कम आठ-दस महीने लगेंगे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने हमारे नागरिक व सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन और मिसाइल के साथ तोपखाना भी इस्तेमाल किया। नागरिकों के मकानों को छोड़ दिया जाए तो हमारा कोई अन्य बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।