
जमशेदपुर, २७ अप्रैल ।
सरायकेला-खरसावां के नीमडीह थाना क्षेत्र के झिमड़ी गांव में एक युवती को हथियार के बल पर अगवा करने की घटना ने दो समुदायों के बीच हिंसक रूप ले लिया।आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपित के मकान और चार दुकानों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर पथराव और वाहन तोडफ़ोड़ में चार जवान घायल हुए।स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की। उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला और पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत ने फ्लैग मार्च कर हालात संभाले। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि मो. तस्लीम ने गुरुवार रात हथियार के बल पर इंटर पास युवती को अगवा कर लिया था। परिवार ने नीमडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घटना से आक्रोशित ग्रामीण शनिवार को बड़ी संख्या में एकत्र हुए और आरोपी के घर व दुकानों में आगजनी कर दी। आक्रोशित भीड़ ने आरोपी के मकान और लेडीज कार्नर सहित चार दुकानों में आग लगा दी। भीड़ ने चांडिल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।स्थिति नियंत्रण के लिए पहुंची पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया। इससे गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुआ और चार जवान चोटिल हो गए। पुलिस पर भी हमला किया। इसके बाद पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया, फिर हवाई फायरिंग से भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने पथराव कर जवाब दिया, जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि पुलिस हवाई फायरिंग के आरोप से इनकार कर रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए डीसी रवि शंकर शुक्ला और एसपी मुकेश कुमार लुणायत मौके पर पहुंचे। देर रात तक पुलिस-प्रशासन ने नीमडीह, तिरुलडीह समेत आसपास के थाना प्रभारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने शांति स्थापित करने के लिए फ्लैग मार्च किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि स्थिति नियंत्रित है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर धारा 163 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि बताया कि अगवा युवती और आरोपी की तलाश के लिए पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस कर रही है। क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण है। कुछ स्थानों पर आग लगाई गई है और एक दुकान को भी जलाया गया है। स्थिति नियंत्रण में है। यहां फ्लैग मार्च कराया जा रहा है। घटना में एक पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुआ है और पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। घटना के दोषियों को चिन्हित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।-मुकेश कुमार लुणायत, पुलिस अधीक्षक सरायकेला खरसावांउधर, झिमड़ी गांव में शनिवार को जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक युवती के अपहरण की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक ताने-बाने का विस्फोट है जो लंबे समय से तनाव और अविश्वास की आग में सुलग रहा था।
एक युवती के अपहरण के आरोप ने गांव में पहले से मौजूद सांप्रदायिक खाई को और गहरा कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप आक्रोशित भीड़ ने हिंसा का सहारा लिया।झिमड़ी में दो समुदायों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था। हालांकि, यह तनाव कभी भी खुलकर सामने नहीं आया था, लेकिन युवती के अपहरण की घटना ने आग में घी डालने का काम किया। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की, जिससे लोगों का गुस्सा और भडक़ गया।ग्रामीणों ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
उनका कहना है कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई। कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करके ग्रामीणों को और उकसा दिया।झिमड़ी निवासी सकील अंसारी के बेटे मो. तस्लीम ने गुरुवार को गांव की एक युवती को हथियार दिखाकर अगवा कर लिया। पीडि़त परिवार के अनुसार, युवती ने हाल ही में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।परिवार ने विरोध किया तो आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी। पीडि़त परिवार ने नीमडीह थाने में शिकायत दर्ज की, लेकिन शनिवार तक युवती का पता नहीं चला। इस बीच, ग्रामीणों में आक्रोश भडक़ उठा।