
नईदिल्ली, 26 मार्च ।
पेड़ों की अवैध कटाई एक शख्स को भारी पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट ने उस पर काटे गए हर पेड़ के बदले 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। व्यक्ति ने अपनी गलती मान ली है। उसने शीर्ष अदालत से जुर्माना कम करने की मांग की। मगर अदालत ने इसे ठुकरा दिया। इस शख्स ने कुल 454 पेड़ काटे थे। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना इंसान की हत्या से भी बदतर कृत्य है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने ताज संरक्षित क्षेत्र में 454 पेड़ों को काटने वाले शख्स की याचिका को खारिज कर दिया और मामले में सख्त टिप्पणी की।
पीठ ने कहा कि पर्यावरण के मामले में कोई दया नहीं होनी चाहिए। बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना किसी इंसान की हत्या से भी बदतर है। शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना अनुमति के काटे गए 454 पेड़ों से बने हरित क्षेत्र को दोबारा बनाने में कम से कम 100 साल लगेंगे। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट को भी स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में मथुरा-वृंदावन स्थित डालमिया फार्म में 454 पेड़ काटने वाले शिव शंकर अग्रवाल पर प्रति पेड़ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई थी।