
लाहौर, १३ जून ।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के 54 साल पुराने मस्जिद की मीनारों को पुलिस ने तोड़ दिया। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की शह पर एक दर्जन पुलिस कर्मियों को लाहौर के जाहमान इलाके में अहमदी मस्जिद की मीनारों को तोड़ते देखा गया। पाकिस्तान में अहमदी समुदाय अक्सर हमले का शिकार होता रहा है। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के अधिकारी अमीर महमूद ने कहा कि अहमदियों को देश में कभी न खत्म होने वाले उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि तोडफ़ोड़ की कार्रवाई बुधवार तडक़े की गई। इस दौरान कई पुलिसकर्मी वर्दी में और चार सिविल ड्रेस में थे। उन्होंने कहा कि लाहौर हाई कोर्ट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 1984 से पहले निर्मित अहमदी पूजा स्थलों में किसी बदलाव की आवश्यकता नहीं है।
ये कानूनी हैं, इसलिए इन्हें बदला या गिराया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अहमदी पूजा स्थल का निर्माण 1970 में किया गया था और पिछले साल से उनपर खतरा मंडरा रहा है।महमूद ने कहा कि पिछले साल पाकिस्तान में अहमदियों के कम से कम 42 मस्जिदों पर हमला बोला गया था। गौरतलब है कि 2014 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जानी चाहिए, लेकिन पुलिस पूजा स्थलों की सुरक्षा के बजाय कट्टरपंथी तत्वों का तुष्टीकरण कर रही है।