
नईदिल्ली, १९ मार्च । आगामी लोकसभा चुनाव में शक्ति के विरुद्ध लड़ाई के राहुल गांधी के बयान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीखा प्रहार किया है। उन्होंने शक्ति में आम लोगों की गहरी आस्था जताते हुए राहुल के बयान को चुनावी मुद्दा बनाने का भी साफ संकेत दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए हर मां-बेटी शक्ति का स्वरूप है और इस शक्ति की रक्षा के लिए वह जान लगा देंगे।लोकसभा चुनाव को शक्ति के विनाशक और शक्ति के उपासक के बीच बताते हुए उन्होंने कहा कि चार जून को स्पष्ट हो जाएगा कि कौन शक्ति का विनाश करने वाला है और किसे शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त है। रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, हिंदू धर्म में एक शब्द शक्ति होता है। हम शक्ति के विरुद्ध लड़ रहे हैं। इसके बाद उन्होंने राजा के आत्मा को ईवीएम, सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी में होने की बात कही थी। तेलंगाना में सोमवार को जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा, रविवार को शिवाजी पार्क में आईएनडीआईए ने अपना घोषणा पत्र शक्ति को खत्म करने के लिए जारी किया है। मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं और मैं शक्ति स्वरूपा माताओं-बहनों की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दूंगा, जीवन खपा दूंगा। खुद को भारत माता का पुजारी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शक्ति की उपासना करने वाले देश में कोई व्यक्ति शक्ति के विनाश की बात कैसे कर सकता है। देश ने तो चंद्रमा पर चंद्रयान उतरने के स्थान का नाम भी शिव-शक्ति रखा है। शक्ति के विनाश को आईएनडीआईए का घोषणा पत्र करार देते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा इसे प्रमुख मुद्दा बना सकती है। प्रधानमंत्री के साथ-साथ भाजपा के तमाम नेता, कार्यकर्ता और समर्थक इंटरनेट मीडिया पर राहुल गांधी पर हमला बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पहले से ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से दूर रहने और राम चरितमानस एवं तुलसीदास के विरुद्ध विपक्षी नेताओं के बयान को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी गठबंधन पर हमलावर रहे हैं। राहुल गांधी के बयान के अलावा भाजपा ने तमिलनाडु सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म की समाप्ति संबंधी बयान के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है और तमिलनाडु के बाहर भी अन्य राज्यों में पार्टी इस मुद्दे पर विपक्ष पर हमला करती रही है। तेलंगाना की धरती से राहुल गांधी पर हमला कर प्रधानमंत्री ने यह भी संकेत दे दिया है कि दक्षिण भारत में भी हिंदुत्व और सनातन के मुद्दे के सहारे भाजपा पैर जमाने की कोशिश करेगी। कर्नाटक के शिमोगा में आयोजित रैली में भी प्रधानमंत्री ने अपना भाषण राहुल गांधी की शक्ति पर दिए गए बयान पर केंद्रित रखा। उन्होंने कहा कि शक्ति का विनाश करने की घोषणा उस शिवाजी पार्क में की गई जहां हर बच्चा जय भवानी, जय शिवाजी के मंत्र के साथ बड़ा होता है। छत्रपति शिवाजी महाराज भी शक्ति के उपासक थे।बाल ठाकरे के पुत्र एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, और उस समय मंच पर कौन था। बाल ठाकरे के आत्मा का क्या हो रहा होगा। उल्लेखनीय है कि राहुल के भाषण के वक्त उद्धव मंच पर उपस्थित थे। देश की हर महिला को शक्ति का स्वरूप बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा नारी शक्ति को प्राथमिकता दी है। राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि नारी शक्ति साइलेंट वोटर है, लेकिन उनके लिए नारी शक्ति वोटर नहीं, बल्कि मां शक्ति स्वरूपा है। उन्होंने कहा कि मां शक्ति स्वरूपा का एक नाम भारत माता भी है और आईएनडीआईए के लोग भारत माता की बढ़ती शक्ति से नफरत करते हैं। शक्ति पर हमले का मतलब है महिला उन्मुख कार्यक्रमों एवं भारत माता पर हमला। शक्ति बढऩे से आतंकवाद एवं अत्याचार खत्म होता है और अब आइएनडीआइए व कांग्रेस ने इसे चुनौती दी है। प्रत्येक महिला, बेटी और बहन कांग्रेस को उचित जवाब देगी, तब वे समझेंगे कि शक्ति को चुनौती देने का मतलब क्या होता है।