कोरबा। कांग्रेस शासनकाल में आकांक्षी जिला कोरबा में डीएमएफ के फंड से विकास कार्यों,हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर करोड़ों रुपए का बंदरबाट किया गया है।महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने ग्राम पंचायतों में 10-10 सिलाई मशीन पात्रों को बांटा जाना था।जिसमें परित्यक्तता दिव्यांग और विधवा महिलाएं लाभान्वित की जानी थीं,लेकिन बस्तर संभाग की फर्म ने तकरीबन 7 करोड़ की लागत से कागजों में सिलाई मशीन बांट डाली। हितग्राहियों तक यह मशीन पहुंची ही नहीं। अकेले जनपद पंचायत कोरबा क्षेत्र में 69 लाख 57 हजार का भ्रष्टाचार किया गया है। प्रमुखता से खबर प्रकाशन के बाद अब भ्रष्टाचार की पोल खुलने लगी है। हितग्राही महिलाएं शिकायत लेकर सामने आने लगी हैं।मंगलवार को ग्राम पंचायत कुकरीचोली जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत निवासरत दीपक कुमार कंवर शिकायत लेकर कलेक्टोरेट पहुंची थी, शिकायत पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि उन्हें खबर के माध्यम से जानकारी मिली कि जिले में डीएमएफ फंड से दिव्यांग, विधवा व परित्यक्तता को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन का वितरण किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत कुकरीचोली में 10 लोगों को सिलाई मशीन का वितरण किया जाना था, लेकिन मात्र दो लोगों को ही सिलाई मशीन दिया गया है। उन्हें अब तक सिलाई मशीन नहीं दिया गया है, जबकि आरटीआई से निकाले गए दस्तावेजों में सिलाई मशीन सभी को वितरित किया जाना बताया जा रहा है। महिला ने दोषियों पर कार्यवाही करते हुए सिलाई मशीन दिलाने की मांग की है। इस तरह अब सिलाई मशीन वितरण में की गई गड़बड़ी की परत खुलने लगी है। बताया जा रहा है कि कोरबा जनपद पंचायत के अन्य ग्राम पंचायतों की महिलाएं जल्द ही शिकायत लेकर पहुंचेंगी। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पूरे जिले में तकरीबन 7 करोड़ की लागत से सिलाई मशीन बांटी गई है। जिसमें बस्तर संभाग की फर्म ने तत्कालीन अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों रुपए का बंदरबाट कर डाला।